परिचय
ऊँटों का पालन करके और उनके दूध का उत्पादन करके, इस उत्पाद को बाजार मे उपलब्ध कराना ।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
हाथ से काम करना।
चीजों को व्यवस्थित रखना और योजना बनाना।
क्षमता
यंत्र और उपकरणों/ सॉफ्टवेयर के साथ काम करना।
प्रवेश मार्ग
किसी भी स्ट्रीम से कक्षा 12 वीं पूरी करें।
विज्ञान, पशुपालन, या डेयरी प्रबंधन में स्नातक की डिग्री पूर्ण करें।
प्रोफेशनल कोर्स -डेयरी तकनीक, पशुपालन और ऊँट दूध उत्पादन पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करें।
विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम- कई संस्थान ऊँट पालन और दूध उत्पादन पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान में कुछ स्थानीय संस्थान और एनजीओ इस प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें ।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान-
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (RAJUVAS)
राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केंद्र (NRCC) ,जोहड़बीड़ बीकानेर, राजस्थान
अन्य संस्थान-
कैमल करिश्मा: कुम्भलगढ़, राजस्थान
लोकहित पशु-पालक संस्थान (एलपीपीएस)
ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थान -
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)
कोर्सेरा
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
ऊँट दूध उत्पादक बनने के लिए किसी विशेष पाठ्यक्रम की आवश्यकता नहीं होती हैं ।
लेकिन संबंधित पशुपालन या डेयरी प्रबंधन पाठ्यक्रम की फीस 20 हजार से 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष हो सकती है । उपर्युक्त आँकड़ेअनुमानित हैं। यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता हैं । (विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल - http://www.scholarships.gov.in लिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com लिंक पर जाएँ। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है।
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल-
फार्म
डेयरी प्लांट
ग्रामीण क्षेत्र शोध संस्थान
विपणन और बिक्री केंद्र
कार्य का माहौल-
खुला और प्राकृतिक वातावरण में कार्य करना होता हैं वैसे तो इसका काम समयबद्ध नहीं होता लेकिन प्रतिदिन 8- 10 घंटे काम करना पड़ सकता हैं ।
उद्यमिता के तहत स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
वेतन शुरुआत में लगभग 20 हजार से 40 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकता है जो अनुभव और उत्पादन मात्रा के अनुसार बढ़ या घट सकता है।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है। )
फील्ड के कुछ अनुभव
एक प्रेरणादायक कहानी है निर्मल चौधरी की, जिन्होंने UPSC परीक्षा में असफल होने के बाद ऊँट के दूध के उत्पाद बेचकर सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपने व्यवसाय से वित्तीय वर्ष 2024 में 35 करोड़ रुपये कमाये । उनकी कहानी से यह स्पष्ट होता है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
ऊँट दूध उत्पादक (Camel Milk Producer)
NCS Code: NA |ऊँटों का पालन करके और उनके दूध का उत्पादन करके, इस उत्पाद को बाजार मे उपलब्ध कराना ।
रुचि
क्षमता
किसी भी स्ट्रीम से कक्षा 12 वीं पूरी करें।
विज्ञान, पशुपालन, या डेयरी प्रबंधन में स्नातक की डिग्री पूर्ण करें।
प्रोफेशनल कोर्स -डेयरी तकनीक, पशुपालन और ऊँट दूध उत्पादन पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करें।
विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम- कई संस्थान ऊँट पालन और दूध उत्पादन पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान में कुछ स्थानीय संस्थान और एनजीओ इस प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें ।
सरकारी संस्थान-
अन्य संस्थान-
ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थान -
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
ऊँट दूध उत्पादक बनने के लिए किसी विशेष पाठ्यक्रम की आवश्यकता नहीं होती हैं ।
लेकिन संबंधित पशुपालन या डेयरी प्रबंधन पाठ्यक्रम की फीस 20 हजार से 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष हो सकती है ।
उपर्युक्त आँकड़ेअनुमानित हैं। यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता हैं ।
(विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल-
कार्य का माहौल-
फार्म मैनेजर→कैमल मिल्क प्रोड्यूसर→डेयरी प्रोसेसिंग मैनेजर→कृषि सलाहकार→उद्यमी
वेतन शुरुआत में लगभग 20 हजार से 40 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकता है जो अनुभव और उत्पादन मात्रा के अनुसार बढ़ या घट सकता है।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है। )
फील्ड के कुछ अनुभव
एक प्रेरणादायक कहानी है निर्मल चौधरी की, जिन्होंने UPSC परीक्षा में असफल होने के बाद ऊँट के दूध के उत्पाद बेचकर सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपने व्यवसाय से वित्तीय वर्ष 2024 में 35 करोड़ रुपये कमाये । उनकी कहानी से यह स्पष्ट होता है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
स्त्रोत- https://www.loksatta.com/career/failed-upsc-aspirant-nirmal-choudhary-sells-camel-milk-products-milk-station-earns-35-cr-in-fy24-snk-94-4413225/
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।