परिचय
पारंपरिक खेती की तरह जमीन पर क्षैतिज रूप से खेती करने के बजाय ऊर्ध्वाधर रूप में खेती की जाती है। भूमि और जल संसाधनों पर अत्यधिक प्रभाव डाले बिना ऊर्ध्वाधर परतों में फसल उगाई जाती हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
हाथ से काम करना।
चीजों को व्यवस्थित रखना और योजना बनाना।
क्षमता
यंत्र और उपकरणों/ सॉफ्टवेयर के साथ काम करना।
आकार और स्थान की समझ।
चीजों के बीच संबंधों की समझ।
प्रवेश मार्ग
यद्यपि इसके लिए औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं है परन्तु कक्षा 12वीं पास अवश्य करें। साथ ही वर्टिकल फार्मिंग में हाइड्रोपोनिक्स, एरोपोनिक्स और अन्य आधुनिक कृषि तकनीकों की समझ और अनुभव होना चाहिए।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान-
1. महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
2. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
3. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
4. कृषि विश्वविद्यालय, कोटा
5. कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
6. इंटरनेशनल हॉर्टीकल्चरइनोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर जयपुर
7. SKNAU कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर जोबनेर
8. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, (CAZRI ) जोधपुर
9. कृषि अनुसंधान केंद्र, उम्मेदगंज, कोटा
10. राजस्थान कृषि अनुसंधान केंद्र , जयपुर
11. राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र, जयपुर
12. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, दुर्गापुरा जयपुर
13. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, (AFRI) जोधपुर
14. राजस्थान केंद्रीय विश्व विद्यालय, किशनगढ़-अजमेर
15. विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, जयपुर
अन्य संस्थान-
1. विद्या भवन सोसाइटी
2. वनस्थली विद्यापीठ निवाई टोंक (केवल महिलाओं के लिए)
3. ज्योति महिला विश्वविद्यालय झरना जयपुर
4. सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी जयपुर (आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
अधिकांश सरकारी योजनाएँ मुफ्त हैं।
विशेष प्रशिक्षण की फीस लगभग 5 हजार से 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं । उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । फीस की राशि संस्थान और कोर्स पर निर्भर करती है। (विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in लिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com लिंक पर जाएँ। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण-
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है।
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल-
इंडोर ग्रोथ चेंबर, ग्रीनहाउस में काम करना, खेत, पॉड्स या कन्टेनर फार्मस, शहरी क्षेत्र अन्य।
कार्य का माहौल-
यह फील्ड जॉब भी होती है।
सप्ताह में 6 दिन तथा प्रतिदिन 8-9 घंटे काम करने की संभावना रहती है।
साथ ही ओवरटाइम की भी करना पड़ सकता है।
उद्यमिता के तहत स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
लगभग 3 लाख से 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं। (यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
भारत में स्ट्रॉबेरी एक अत्यधिक माँग वाला फल है, जैसा कि दुनिया भर में है। वर्तमान में जलवायु संबंधी बाधाओं के कारण यह उच्च मूल्य वाली फसल भारत के कुछ ही क्षेत्रों में सीमित है। हालांकि, ग्रीनहाउस खेती जैसे पर्यावरण और जलवायु निगरानी तकनीकों के कारण, उत्पादन पैमाने ने जलवायु संबंधित बाधाओं को पार कर लिया है। इससे भारत में वर्टिकल स्ट्रॉबेरी खेती को अधिकाधिक स्वीकृति मिली है।
इस फसल का कॉम्पैक्ट आकार और कम ऊर्ध्वाधर वृद्धि ऊंचाई इसे वर्टिकल स्टैक्ड लेयर्स में उगाने के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, इन्हें हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करके बिना मिट्टी के माध्यम में उगाया जा सकता है, जिससे पोषण की दक्षता बढ़ती है। यह रासायनिक कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों की आवश्यकता को भी समाप्त करता है, जिससे कृषि में स्थिरता का समर्थन होता है। भारत में स्ट्रॉबेरी जैसी फलों की वर्टिकल खेती माँग-आपूर्ति अंतर को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को निर्यात के लिए सुनिश्चित करने में मदद करती है।
ऊर्ध्वाधर खेती (Vertical Farming)
NCS Code: NA |पारंपरिक खेती की तरह जमीन पर क्षैतिज रूप से खेती करने के बजाय ऊर्ध्वाधर रूप में खेती की जाती है। भूमि और जल संसाधनों पर अत्यधिक प्रभाव डाले बिना ऊर्ध्वाधर परतों में फसल उगाई जाती हैं।
रुचि
क्षमता
यद्यपि इसके लिए औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं है परन्तु कक्षा 12वीं पास अवश्य करें। साथ ही वर्टिकल फार्मिंग में हाइड्रोपोनिक्स, एरोपोनिक्स और अन्य आधुनिक कृषि तकनीकों की समझ और अनुभव होना चाहिए।
सरकारी संस्थान-
1. महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
2. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
3. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
4. कृषि विश्वविद्यालय, कोटा
5. कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
6. इंटरनेशनल हॉर्टीकल्चरइनोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर जयपुर
7. SKNAU कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर जोबनेर
8. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, (CAZRI ) जोधपुर
9. कृषि अनुसंधान केंद्र, उम्मेदगंज, कोटा
10. राजस्थान कृषि अनुसंधान केंद्र , जयपुर
11. राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र, जयपुर
12. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, दुर्गापुरा जयपुर
13. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, (AFRI) जोधपुर
14. राजस्थान केंद्रीय विश्व विद्यालय, किशनगढ़-अजमेर
15. विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, जयपुर
अन्य संस्थान-
1. विद्या भवन सोसाइटी
2. वनस्थली विद्यापीठ निवाई टोंक (केवल महिलाओं के लिए)
3. ज्योति महिला विश्वविद्यालय झरना जयपुर
4. सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी जयपुर
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं। https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
अधिकांश सरकारी योजनाएँ मुफ्त हैं।
विशेष प्रशिक्षण की फीस लगभग 5 हजार से 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं ।
उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । फीस की राशि संस्थान और कोर्स पर निर्भर करती है।
(विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण-
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल-
इंडोर ग्रोथ चेंबर, ग्रीनहाउस में काम करना, खेत, पॉड्स या कन्टेनर फार्मस, शहरी क्षेत्र अन्य।
कार्य का माहौल-
Farm Manager→ Agriculture Scientist→ Hydroponic Technician→ Horticulturist→ Supply Chain Manager
लगभग 3 लाख से 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
भारत में स्ट्रॉबेरी एक अत्यधिक माँग वाला फल है, जैसा कि दुनिया भर में है। वर्तमान में जलवायु संबंधी बाधाओं के कारण यह उच्च मूल्य वाली फसल भारत के कुछ ही क्षेत्रों में सीमित है। हालांकि, ग्रीनहाउस खेती जैसे पर्यावरण और जलवायु निगरानी तकनीकों के कारण, उत्पादन पैमाने ने जलवायु संबंधित बाधाओं को पार कर लिया है। इससे भारत में वर्टिकल स्ट्रॉबेरी खेती को अधिकाधिक स्वीकृति मिली है।
इस फसल का कॉम्पैक्ट आकार और कम ऊर्ध्वाधर वृद्धि ऊंचाई इसे वर्टिकल स्टैक्ड लेयर्स में उगाने के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, इन्हें हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करके बिना मिट्टी के माध्यम में उगाया जा सकता है, जिससे पोषण की दक्षता बढ़ती है। यह रासायनिक कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों की आवश्यकता को भी समाप्त करता है, जिससे कृषि में स्थिरता का समर्थन होता है। भारत में स्ट्रॉबेरी जैसी फलों की वर्टिकल खेती माँग-आपूर्ति अंतर को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को निर्यात के लिए सुनिश्चित करने में मदद करती है।
स्त्रोत - https://startuptalky.com/vertical-farming-revolutionary-agriculture-approach-india/
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
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