परिचय
माइकोलॉजी (Mycology) विज्ञान की वह शाखा है जो कवक के गुण, संरचना, आनुवंशिकी और पारिस्थितिकी का अध्ययन करती है।
माइकोलॉजिस्ट कवक के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन करते हैं, जिनमें मशरूम, मोल्ड, यीस्ट और लाइकेन शामिल हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
हाथ से काम करना।
चीजों को व्यवस्थित रखना और योजना बनाना।
समस्या का समाधान करना।
क्षमता
चीजों के बीच संबंधों की समझ।
प्रवेश मार्ग
जीव विज्ञान ,कृषि विज्ञान, गणित विषय में कक्षा 12 वीं पूरी करें। (स्नातक में प्रवेश हेतु JET संयुक्त प्रवेश परीक्षा व संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा CUET परीक्षा अवश्य दें)।
जीव विज्ञान (Biology), वनस्पति विज्ञान (Botany), सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology), या संबंधित विषय में स्नातक डिग्री करें।
या
स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री करें।
या
अनुसंधान और शैक्षणिक क्षेत्र में करियर के लिए पीएच.डी. आवश्यक होती है।
ARS कृषि अनुसन्धान सेवा से वैज्ञानिक बन सकते है।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान-
1. महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
2. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
3. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
4. कृषि विश्वविद्यालय,कोटा
5. कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
6. इंटरनेशनल होर्टीकल्चरइनोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर, जयपुर
7. SKNAU कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर,जोबनेर
8. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान,(CAZRI ), जोधपुर
9. कृषि अनुसंधान केन्द्र उम्मेदगंज, कोटा
10. राजस्थान कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
11. राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
12. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा ,जयपुर
13. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (AFRI), जोधपुर
14. राजस्थान केन्द्रीय विश्व विद्यालय किशनगढ़,अजमेर
15. विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, जयपुर
अन्य संस्थान
1. विद्या भवन सोसाइटी
2. वनस्थली विद्यापीठ निवाई, टोंक (केवल महिलाओं के लिए)
3. सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी, जयपुर
ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थान
1. स्वयंम
2. इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
3. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय,कोटा (आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
कोर्स की फीस लगभग 80 हजार से 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है । उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं। यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है। (विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल - http://www.scholarships.gov.in लिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com लिंक पर जाएँ। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
https://sje.rajasthan.gov.in/ मेरिट के आधार पर संस्थानों में स्कॉलरशिप भी मिलती है। (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है। (विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल
विशेषज्ञ रोगाणुओं उत्पादक, सरकारी और निजी अनुसंधान संस्थान, वाणिज्यिक कवक प्रजनन कंपनियाँ , विशिष्ट कवक उत्पादक, कृषि विज्ञान भर्ती बोर्ड अन्य।
कार्य का माहौल
फील्ड जॉब भी हो सकती हैं और प्रयोगशाला मे भी कार्य हो सकता हैं ।
स्थानीय यात्रा नौकरी का एक हिस्सा हो सकता है ।
आपको सप्ताह में 6 दिन तथा प्रतिदिन 8-9 घंटे काम करना पड़ सकता है।
वेतन लगभग 8 से 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं। (यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
राजस्थान में कवक विज्ञान (Mycology) के क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक डॉ. आर. एस. वसिष्ठ हैं। डॉ. वसिष्ठ एक प्रमुख कवक विज्ञानी थे । जिन्होंने कवक और उनके जैवविविधता पर व्यापक अनुसंधान किया। उनका कार्य विशेष रूप से राजस्थान की स्थानीय कवक प्रजातियों पर केंद्रित था। उन्होंने कई नई प्रजातियों की खोज की और कवक से संबंधित विभिन्न रोगों और उनके निदानात्मक कार्य किया।
डॉ. वसिष्ठ ने कवक विज्ञान में न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और इस क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाया। स्त्रोत-http://www.ismpp.org.in http://www.ipsdis.org उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
Rajasthan Fungal Biodiversity, Fungal Pathogens in Rajasthan, Rajasthan Mycological Society, Fungal Plant Diseases in Rajasthan, New Fungal Species Discoveries in Rajasthan
कवक विज्ञानी (Mycologist)
NCS Code: 2131.07 |माइकोलॉजी (Mycology) विज्ञान की वह शाखा है जो कवक के गुण, संरचना, आनुवंशिकी और पारिस्थितिकी का अध्ययन करती है। माइकोलॉजिस्ट कवक के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन करते हैं, जिनमें मशरूम, मोल्ड, यीस्ट और लाइकेन शामिल हैं।
रुचि
क्षमता
जीव विज्ञान ,कृषि विज्ञान, गणित विषय में कक्षा 12 वीं पूरी करें।
(स्नातक में प्रवेश हेतु JET संयुक्त प्रवेश परीक्षा व संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा CUET परीक्षा अवश्य दें)।
जीव विज्ञान (Biology), वनस्पति विज्ञान (Botany), सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology), या संबंधित विषय में स्नातक डिग्री करें।
या
स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री करें।
या
अनुसंधान और शैक्षणिक क्षेत्र में करियर के लिए पीएच.डी. आवश्यक होती है।
ARS कृषि अनुसन्धान सेवा से वैज्ञानिक बन सकते है।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें।
सरकारी संस्थान-
1. महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
2. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
3. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
4. कृषि विश्वविद्यालय,कोटा
5. कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
6. इंटरनेशनल होर्टीकल्चरइनोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर, जयपुर
7. SKNAU कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर,जोबनेर
8. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान,(CAZRI ), जोधपुर
9. कृषि अनुसंधान केन्द्र उम्मेदगंज, कोटा
10. राजस्थान कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
11. राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
12. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा ,जयपुर
13. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (AFRI), जोधपुर
14. राजस्थान केन्द्रीय विश्व विद्यालय किशनगढ़,अजमेर
15. विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, जयपुर
अन्य संस्थान
1. विद्या भवन सोसाइटी
2. वनस्थली विद्यापीठ निवाई, टोंक (केवल महिलाओं के लिए)
3. सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी, जयपुर
ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थान
1. स्वयंम
2. इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
3. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय,कोटा
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं। https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
कोर्स की फीस लगभग 80 हजार से 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है ।
उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं। यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है।
(विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल
विशेषज्ञ रोगाणुओं उत्पादक, सरकारी और निजी अनुसंधान संस्थान, वाणिज्यिक कवक प्रजनन कंपनियाँ , विशिष्ट कवक उत्पादक, कृषि विज्ञान भर्ती बोर्ड अन्य।
कार्य का माहौल
senior mycologist→research scientist→fungal pathologist→ecologist→professor
वेतन लगभग 8 से 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
राजस्थान में कवक विज्ञान (Mycology) के क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक डॉ. आर. एस. वसिष्ठ हैं। डॉ. वसिष्ठ एक प्रमुख कवक विज्ञानी थे । जिन्होंने कवक और उनके जैवविविधता पर व्यापक अनुसंधान किया। उनका कार्य विशेष रूप से राजस्थान की स्थानीय कवक प्रजातियों पर केंद्रित था। उन्होंने कई नई प्रजातियों की खोज की और कवक से संबंधित विभिन्न रोगों और उनके निदानात्मक कार्य किया।
डॉ. वसिष्ठ ने कवक विज्ञान में न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और इस क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाया।
स्त्रोत- http://www.ismpp.org.in
http://www.ipsdis.org
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
Rajasthan Fungal Biodiversity, Fungal Pathogens in Rajasthan, Rajasthan Mycological Society, Fungal Plant Diseases in Rajasthan, New Fungal Species Discoveries in Rajasthan