परिचय
कृषि उद्देश्यों के लिए ड्रोन का संचालन करना।
ड्रोन विशेष रूप से खेतों की निगरानी,फसल स्थिति का आकलन और कृषि कार्यों में सहायता के लिए डिजाइन किए जाते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
हाथ से काम करना।
चीजों को व्यवस्थित रखना और योजना बनाना।
क्षमता
यंत्र और उपकरणों/ सॉफ्टवेयर के साथ काम करना ।
आकार और स्थान की समझ ।
प्रवेश मार्ग
यद्यपि किसी विशेष डिग्री की आवश्यकता नहीं है,लेकिन कक्षा 12 वीं अवश्य करे।
कृषि, इंजीनियरिंग, या तकनीक (विशेष रूप से UAVs) में पृष्ठभूमि होना एक लाभ हो सकता है।
मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs), GPS सिस्टम, और रिमोट सेंसिंग के बारे में ज्ञान प्राप्त करें।
भारत में, ड्रोन पायलट बनने के लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा प्रमाणित कोर्स उपलब्ध है। यह पाठ्यक्रम ड्रोन ऑपरेटिंग के साथ-साथ नियमों और विनियमनों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
भारत में ड्रोन का नियमन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा किया जाता है। व्यावसायिक रूप से ड्रोन संचालित करने के लिए, आपको DGCA-अधिकृत प्रशिक्षण संस्थान से रिमोट पायलट प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें ।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान
1. महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
2. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
3. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
4. कृषि विश्वविद्यालय,कोटा
5. कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
6. इंटरनेशनल होर्टीकल्चरइनोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर, जयपुर
7. SKNAU कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर, जोबनेर
8. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान,(CAZRI ), जोधपुर
9. कृषि अनुसंधान केन्द्र उम्मेदगंज, कोटा
10. राजस्थान कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
11. राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
12. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा, जयपुर
13. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (AFRI), जोधपुर
14. राजस्थान केन्द्रीय विश्व विद्यालय किशनगढ़,अजमेर
15. विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय,जयपुर
अन्य संस्थान
1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन
ऑनलाइन कोर्स
1. स्किल इंडिया (आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
कोर्स की फीस लगभग 3 हजार से 70 हजार रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है । उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है। (विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल - http://www.scholarships.gov.in लिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
मेरिट के आधार पर संस्थानों में स्कॉलरशिप भी मिलती है। (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है। (विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल
कृषि फार्म, कृषि अनुसंधान संस्थान, एग्रीटेक कंपनियाँ अन्य।
कार्य का माहौल
यह एक फील्ड जॉब है।
स्थानीय यात्रा नौकरी का एक हिस्सा हो सकता आपको सप्ताह में 6 दिन तथा प्रतिदिन 8-9 घंटे काम करना पड़ सकता है।
साथ ही ओवरटाइम की भी संभावना रहती है।
उद्यमिता के तहत स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
वेतन लगभग 2.5 लाख से 4 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं। (यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
आशीष बेनीवाल, 24 वर्षीय इंजीनियरिंग स्नातक, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नैवाला गाँव से हैं। उन्होंने गुरुग्राम, हरियाणा से ड्रोन प्रशिक्षण और पायलट लाइसेंस प्राप्त किया है ।
उन्होंने अपने धान, कपास, ग्वार (क्लस्टर बीन), और गन्ने की फसलों पर ड्रोन का उपयोग करना शुरू किया। परिणाम प्रभावशाली थे, जिसमें उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग में 40-50% की कमी आई और पानी की भी काफी बचत हुई।
आशीष के नवाचार ने न केवल उनकी इनपुट लागतों को कम किया बल्कि फसल उत्पादन स्तर को भी बनाए रखा। उनकी सफलता से प्रेरित होकर, उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी अपनी ड्रोन सेवाएँ प्रदान करना शुरू किया।
पिछले डेढ़ साल में, आशीष ने हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और हरियाणा के पड़ोसी क्षेत्रों में लगभग 5,000 बीघा भूमि पर कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव किया है, जिससे लगभग 1,000 किसानों को लाभ हुआ है । वह प्रति बीघा ₹200 से ₹250 चार्ज करते हैं, जिससे किसानों के लिए यह सेवा सस्ती हो जाती है और उन्हें स्थिर आय भी मिलती है ।
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
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किसान ड्रोन ऑपरेटर (Kisan Drone Operator)
NCS Code: NA |कृषि उद्देश्यों के लिए ड्रोन का संचालन करना। ड्रोन विशेष रूप से खेतों की निगरानी,फसल स्थिति का आकलन और कृषि कार्यों में सहायता के लिए डिजाइन किए जाते हैं।
रुचि
क्षमता
यद्यपि किसी विशेष डिग्री की आवश्यकता नहीं है,लेकिन कक्षा 12 वीं अवश्य करे।
कृषि, इंजीनियरिंग, या तकनीक (विशेष रूप से UAVs) में पृष्ठभूमि होना एक लाभ हो सकता है।
मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs), GPS सिस्टम, और रिमोट सेंसिंग के बारे में ज्ञान प्राप्त करें।
भारत में, ड्रोन पायलट बनने के लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा प्रमाणित कोर्स उपलब्ध है। यह पाठ्यक्रम ड्रोन ऑपरेटिंग के साथ-साथ नियमों और विनियमनों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
भारत में ड्रोन का नियमन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा किया जाता है। व्यावसायिक रूप से ड्रोन संचालित करने के लिए, आपको DGCA-अधिकृत प्रशिक्षण संस्थान से रिमोट पायलट प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें ।
सरकारी संस्थान
1. महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
2. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
3. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
4. कृषि विश्वविद्यालय,कोटा
5. कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
6. इंटरनेशनल होर्टीकल्चरइनोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर, जयपुर
7. SKNAU कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर, जोबनेर
8. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान,(CAZRI ), जोधपुर
9. कृषि अनुसंधान केन्द्र उम्मेदगंज, कोटा
10. राजस्थान कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
11. राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र,जयपुर
12. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा, जयपुर
13. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (AFRI), जोधपुर
14. राजस्थान केन्द्रीय विश्व विद्यालय किशनगढ़,अजमेर
15. विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय,जयपुर
अन्य संस्थान
1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन
ऑनलाइन कोर्स
1. स्किल इंडिया
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं। https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
कोर्स की फीस लगभग 3 हजार से 70 हजार रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है ।
उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है।
(विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति
https://sje.rajasthan.gov.in/
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल
कार्य का माहौल
Senior Drone operator→Drone Manager→Drone Technical Specialist→Research Scientist→Crop Management Specialist
वेतन लगभग 2.5 लाख से 4 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
आशीष बेनीवाल, 24 वर्षीय इंजीनियरिंग स्नातक, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नैवाला गाँव से हैं। उन्होंने गुरुग्राम, हरियाणा से ड्रोन प्रशिक्षण और पायलट लाइसेंस प्राप्त किया है ।
उन्होंने अपने धान, कपास, ग्वार (क्लस्टर बीन), और गन्ने की फसलों पर ड्रोन का उपयोग करना शुरू किया। परिणाम प्रभावशाली थे, जिसमें उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग में 40-50% की कमी आई और पानी की भी काफी बचत हुई।
आशीष के नवाचार ने न केवल उनकी इनपुट लागतों को कम किया बल्कि फसल उत्पादन स्तर को भी बनाए रखा। उनकी सफलता से प्रेरित होकर, उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी अपनी ड्रोन सेवाएँ प्रदान करना शुरू किया।
पिछले डेढ़ साल में, आशीष ने हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और हरियाणा के पड़ोसी क्षेत्रों में लगभग 5,000 बीघा भूमि पर कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव किया है, जिससे लगभग 1,000 किसानों को लाभ हुआ है । वह प्रति बीघा ₹200 से ₹250 चार्ज करते हैं, जिससे किसानों के लिए यह सेवा सस्ती हो जाती है और उन्हें स्थिर आय भी मिलती है ।
स्त्रोत- https://www.indiatimes.com/explainers/news/change-in-the-air-as-drones-aid-smart-farming-self-employment-in-rajasthan-619271.html
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
Agricultural Drone Certification Courses, Drone in Precision Farming, How to become a Drone Operator in Farming, Agriculture Drone Services, Pesticide Spraying Drone Operator