परिचय
जनजातीय विधिक अधिवक्ता एक कानूनी पेशेवर है जो आदिवासी समुदायों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें न्यायिक प्रणाली में मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह पेशेवर आदिवासी लोगों को उनके अधिकारों, भूमि विवादों, सामाजिक कल्याण योजनाओं और अन्य मुद्दों के बारे में सहायता प्रदान करता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
लोगों के साथ और उनके लिए काम करना।
समस्या का समाधान करना।
चीजों को व्यवस्थित करना और योजना बनाना।
क्षमता
चीजों के बीच संबंध को समझना।
शब्द और भाषा की पहचान और लेखन करना।
प्रवेश मार्ग
कक्षा 12वीं कक्षा के बाद प्रवेश परीक्षा या सीधे डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकता है।
कई विश्वविद्यालयों में CLAT (Common Law Admission Test) जैसे- प्रवेश परीक्षा भी होती हैं।
कानून में स्नातक की डिग्री करें।
या
स्नातक के बाद संबंधित क्षेत्र मे मास्टर डिग्री करें।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान-
1. विधि महाविद्यालय ,उदयपुर
2. राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
3. गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बाँसवाड़ा
4. महर्षि दयानंद लॉ कॉलेज जयपुर, राजस्थान
5. भीमराव अंबेड़कर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर
दूरस्थ संस्थान -
1. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU)
2. विद्यास्थली लॉ कॉलेज, जयपुर
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं। https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
फीस
कोर्स की फीस लगभग 5 हजार से 96 हजार रूपये प्रतिवर्ष हो सकती हैं। उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता हैं । (विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल -
http://www.scholarships.gov.inलिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।https://sje.rajasthan.gov.in/
मेरिट के आधार पर संस्थानों द्वारा स्कॉलरशिप भी मिलती है। (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है । (विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल-
सरकारी कानूनी विभाग, गैर सरकारी संगठन (NGO), वकील कार्यालय, मानवाधिकार संगठन, जनजातीय विकास एजेंसियां आदि।
कार्य का माहौल-
यह फील्ड जॉब और डेस्क जॉब है।
स्थानीय यात्रा नौकरी का एक हिस्सा हो सकता है।
अंशकालीन काम और संविदा आधारित नौकरियाँ उपलब्ध हो सकती हैं ।
आपको सप्ताह में 6 दिन तथा प्रतिदिन 8-9 घंटे काम करना पड़ सकता हैं।
साथ ही ओवरटाइम करने की संभावना रहती हैं ।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
सीनियर विधिक अधिवक्ता→कानूनी सलाहकार→कानूनी विभाग प्रमुख→मानवाधिकार या जनजातीय मामलों के विशेषज्ञ
अपेक्षित वेतन
प्रारंभिक वेतन लगभग 40 हजार से 80 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकता हैं ।
अनुभव और संगठनों के आधार पर वेतन में वृद्धि । (यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
सुप्रसिद्ध वकील फली नरीमन 92 साल के हैं। कानून और न्याय व्यवस्था में योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वे देश के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले वकीलों में शामिल है।
अभिषेक मनु सिंघवी :- 62 साल के अभिषेक मनु सिंघवी प्रसिद्ध वकील तथा राजनेता हैं। उन्होंने 37 साल की उम्र में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पद संभाला था। कम उम्र में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बनने वाले वे पहले भारतीय हैं। स्त्रोत- https://www.amarujala.com/education/india-s-highest-paid-lawyers-gopal-subramanium-abhishek-manu-singhvi?pageId=6 उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
जनजातीय विधिक अधिवक्ता, Tribal Legal Advocate Jobs, जनजातीय अधिकार कानून, विधिक सहायता जनजातीय समुदायों के लिए
जनजातीय विधिक अधिवक्ता (Tribal Legal Advocate)
NCS Code: NA |जनजातीय विधिक अधिवक्ता एक कानूनी पेशेवर है जो आदिवासी समुदायों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें न्यायिक प्रणाली में मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह पेशेवर आदिवासी लोगों को उनके अधिकारों, भूमि विवादों, सामाजिक कल्याण योजनाओं और अन्य मुद्दों के बारे में सहायता प्रदान करता है।
रुचि
क्षमता
कक्षा 12वीं कक्षा के बाद प्रवेश परीक्षा या सीधे डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकता है।
कई विश्वविद्यालयों में CLAT (Common Law Admission Test) जैसे- प्रवेश परीक्षा भी होती हैं।
कानून में स्नातक की डिग्री करें।
या
स्नातक के बाद संबंधित क्षेत्र मे मास्टर डिग्री करें।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच लें।
सरकारी संस्थान-
1. विधि महाविद्यालय ,उदयपुर
2. राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
3. गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बाँसवाड़ा
4. महर्षि दयानंद लॉ कॉलेज जयपुर, राजस्थान
5. भीमराव अंबेड़कर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर
दूरस्थ संस्थान -
1. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU)
2. विद्यास्थली लॉ कॉलेज, जयपुर
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं।
https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
कोर्स की फीस लगभग 5 हजार से 96 हजार रूपये प्रतिवर्ष हो सकती हैं।
उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता हैं ।
(विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल -
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल-
सरकारी कानूनी विभाग, गैर सरकारी संगठन (NGO), वकील कार्यालय, मानवाधिकार संगठन, जनजातीय विकास एजेंसियां आदि।
कार्य का माहौल-
सीनियर विधिक अधिवक्ता→कानूनी सलाहकार→कानूनी विभाग प्रमुख→मानवाधिकार या जनजातीय मामलों के विशेषज्ञ
प्रारंभिक वेतन लगभग 40 हजार से 80 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकता हैं ।
अनुभव और संगठनों के आधार पर वेतन में वृद्धि ।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
सुप्रसिद्ध वकील फली नरीमन 92 साल के हैं। कानून और न्याय व्यवस्था में योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वे देश के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले वकीलों में शामिल है।
अभिषेक मनु सिंघवी :- 62 साल के अभिषेक मनु सिंघवी प्रसिद्ध वकील तथा राजनेता हैं। उन्होंने 37 साल की उम्र में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पद संभाला था। कम उम्र में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बनने वाले वे पहले भारतीय हैं।
स्त्रोत-
https://www.amarujala.com/education/india-s-highest-paid-lawyers-gopal-subramanium-abhishek-manu-singhvi?pageId=6
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
जनजातीय विधिक अधिवक्ता, Tribal Legal Advocate Jobs, जनजातीय अधिकार कानून, विधिक सहायता जनजातीय समुदायों के लिए