परिचय
जल परियोजना प्रबंधक एक पेशेवर होता है जो जल संसाधन प्रबंधन, जल आपूर्ति योजनाओं और परियोजनाओं की योजना, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनका काम जल आपूर्ति, पुनर्निर्माण, सिंचाई और जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए रणनीतियों का विकास और निष्पादन करना होता है। वे परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए बजट प्रबंधन, टीम प्रबंधन और हितधारकों के साथ समन्वय करते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
हाथ से काम करना।
समस्या का समाधान करना।
चीजों को व्यवस्थित करना और योजना बनाना।
लोगों के साथ और उनके लिए काम करना।
क्षमता
संख्याओं , डाटा , ग्राफ की समझ।
चीजों के बीच संबंधों की समझ।
प्रवेश मार्ग
विज्ञान (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित) विषय मे कक्षा 12 वीं पूरी करें।
जल संसाधन प्रबंधन, पर्यावरण विज्ञान, या संबंधित क्षेत्र में स्नातक डिग्री प्राप्त करें।
या
संसाधन प्रबंधन, परियोजना प्रबंधन, पर्यावरण प्रबंधन) या संबंधित विषय मे मास्टर डिग्री करें।
या
परियोजना प्रबंधन में विशेषज्ञता के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम या प्रशिक्षण प्राप्त करें।
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच कर लें।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान-
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU), उदयपुर
राजस्थान राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (RSTI), अजमेर
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर राजस्थान)
अन्य संस्थान -
जयपुरिया संस्थान (Jaipur Institute of Engineering and Technology, JIET)
संजय गांधी पीजी कॉलेज (SGPGC), कोटा
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, जयपुर
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (राजस्थान)
दूरस्थ शिक्षा -
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं। https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
फीस
कोर्स की फीस लगभग 50 हजार से 7 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकती हैं । उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है । (यह विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल -
http://www.scholarships.gov.inलिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।https://sje.rajasthan.gov.in/
मेरिट के आधार पर संस्थानों द्वारा स्कॉलरशिप भी मिलती है। (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण-
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है । (विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल-
सरकारी एजेंसियां (जैसे, केंद्रीय जल आयोग, राज्य जल संसाधन विभाग), निर्माण और इंजीनियरिंग कंपनियाँ , गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और अंतरराष्ट्रीय संगठन, निजी परियोजना प्रबंधन फर्म्स, अनुसंधान और शैक्षिक संस्थान एवं अन्य ।
कार्य का माहौल-
अधिकांश कार्य फील्ड में होता है लेकिन डेस्क जॉब भी करना होता हैं ।
अंशकालीन काम और संविदा आधारित नौकरियाँ उपलब्ध हो सकती हैं और यह फ्रीलांसिंग होता हैं
आपको सप्ताह में 6 दिन तथा प्रतिदिन 7-8 घंटे काम करने की संभावना हैं,
साथ ही ओवरटाइम की संभावना रहती हैं।
उद्यमिता के तहत स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
जल परियोजना समन्वयक→जल परियोजना प्रबंधक→वरिष्ठ जल परियोजना प्रबंधक→जल परियोजना निदेशक
अपेक्षित वेतन
वेतन लगभग 6 लाख से 30 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं । (यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है। )
फील्ड के कुछ अनुभव
श्री यू.पी. सिंह ओडिशा कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं।
उन्होंने आईआईटी, कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में महत्त्वपूर्ण पद संभाले हैं ।
वे 01.06.2016 को जल संसाधन एवं नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्त हुए तथा उन्होंने राष्ट्रीय जल मिशन (NWM) के मिशन निदेशक का पद भी संभाला। इसके बाद उन्होंने 07.10.2016 को राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन (NMCG) के महानिदेशक का पदभार संभाला।
वे भारत में जल संसाधनों की नीति, योजना और प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वे पीएमकेएसवाई परियोजनाओं, नदियों को आपस में जोड़ने, विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित दो परियोजनाओं अर्थात राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना और राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन और सुधार योजना के कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं। इन परियोजनाओं से देश में जल संसाधन प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव की परिकल्पना की गई है।
जल परियोजना प्रबंधक (Water Project Manager)
NCS Code: NA |जल परियोजना प्रबंधक एक पेशेवर होता है जो जल संसाधन प्रबंधन, जल आपूर्ति योजनाओं और परियोजनाओं की योजना, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनका काम जल आपूर्ति, पुनर्निर्माण, सिंचाई और जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए रणनीतियों का विकास और निष्पादन करना होता है। वे परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए बजट प्रबंधन, टीम प्रबंधन और हितधारकों के साथ समन्वय करते हैं।
रुचि
क्षमता
या
या
नामांकन से पूर्व कोर्स की अवधि की जाँच कर लें।
सरकारी संस्थान-
अन्य संस्थान -
दूरस्थ शिक्षा -
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
संस्थान की रैंकिंग विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जैसे - NIRF (National Institutional Ranking Framework) ।
संस्थान की नवीनतम रैंकिंग संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इन लिंक्स का उपयोग कर सकते हैं।
https://www.nirfindia.org/2024/Ranking.html
कोर्स की फीस लगभग 50 हजार से 7 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकती हैं ।
उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है ।
(यह विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल -
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण-
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल -
कार्य का माहौल-
जल परियोजना समन्वयक→जल परियोजना प्रबंधक→वरिष्ठ जल परियोजना प्रबंधक→जल परियोजना निदेशक
वेतन लगभग 6 लाख से 30 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकता हैं ।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है। )
फील्ड के कुछ अनुभव
श्री यू.पी. सिंह ओडिशा कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं।
उन्होंने आईआईटी, कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में महत्त्वपूर्ण पद संभाले हैं ।
वे 01.06.2016 को जल संसाधन एवं नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्त हुए तथा उन्होंने राष्ट्रीय जल मिशन (NWM) के मिशन निदेशक का पद भी संभाला। इसके बाद उन्होंने 07.10.2016 को राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन (NMCG) के महानिदेशक का पदभार संभाला।
वे भारत में जल संसाधनों की नीति, योजना और प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वे पीएमकेएसवाई परियोजनाओं, नदियों को आपस में जोड़ने, विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित दो परियोजनाओं अर्थात राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना और राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन और सुधार योजना के कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं। इन परियोजनाओं से देश में जल संसाधन प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव की परिकल्पना की गई है।
स्त्रोत- https://water-eletsonline-com.translate.goog/shri-u-p-singh/?_x_tr_sl=en&_x_tr_tl=hi&_x_tr_hl=hi&_x_tr_pto=tc
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।