परिचय
बाँस की खेती और उसके उत्पादों का उत्पादन करना।
बाँसएक बहुउपयोगी वनस्पति है जिसका उपयोग निर्माण, फर्नीचर, कागज, हस्तशिल्प, और कई अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
रुचि
हाथ से काम करना।
चीजों को व्यवस्थित रखना और योजना बनाना।
नेतृत्व करना।
क्षमता
आकार और स्थान की समझ ।
यंत्र और उपकरणों/ सॉफ्टवेयर के साथ काम करना ।
चीजों के बीच संबंधों की समझ ।
शब्द और भाषा की पहचान और लेखन करना ।
प्रवेश मार्ग
यद्यपि किसी औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं है लेकिन कक्षा 12 वीं अवश्य करें ।
बाँस उत्पादक के लिए प्रमाणित प्रशिक्षण (प्रोग्राम, एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी AGR/Q1101 के सहयोग में)।
शैक्षिक संस्थान
सरकारी संस्थान
महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर
विशेष प्रशिक्षण की फीस लगभग 5 हजार से 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है । उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है। (विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in लिंक पर जाएँ। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार यू.जी.सी. / ए.आई.सी.टी.ई. की योजनाएँ उपलब्ध हैं।
उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com लिंक पर जाएँ। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
https://sje.rajasthan.gov.in/ मेरिट के आधार पर संस्थानों में स्कॉलरशिप भी मिलती है। (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्या लक्ष्मी पोर्टल- यह एक केंद्रीय पोर्टल है जहाँ विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक ऋणों के लिए आवेदन किया जा सकता है। https://www.vidyalakshmi.co.in
इन शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते है। (विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल
कृषि भूमि, श्रमिक या अनुसंधान केंद्र,मार्केटिंग ऑफिस , बाँस उत्पात इकाई अन्य ।
कार्य का माहौल
यह फील्ड जॉब होती हैं ।
स्थानीय यात्रा नौकरी का एक हिस्सा हो सकता है
अंशकालीन काम और संविदा आधारित आधारित नौकरियाँ उपलब्ध हो सकती हैं ।
आपको सप्ताह में 6 दिन तथा प्रतिदिन 8- 9 घंटे काम करना पड़ सकता है ।
साथ ही ओवरटाइम की भी संभावना रहती है ।
उद्यमिता के तहत स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
बाँस उत्पादक→फील्ड सुपरवाइजर→फार्म मैनेजर
अपेक्षित वेतन
वेतन लगभग 25 हजार से 50 हजार रुपए प्रतिमाह हो सकता है । (यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
राजस्थान में बाँस की खेती की एक प्रेरणादायक कहानी खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा 'सूखे में भूमि पर बांस का नखलिस्तान'(BOLD) नामक परियोजना के तहत शुरू की गई पहल है। यह परियोजना उदयपुर, राजस्थान के आदिवासी गाँव निचला मंडवा में शुरू की गई थी ।
इस परियोजना का उद्देश्य भूमि के मरुस्थलीकरण को कम करना और स्थानीय आदिवासी आबादी को स्थायी आजीविका प्रदान करना है । KVIC ने 25 बीघा (लगभग 16 एकड़) खाली बंजर ग्राम पंचायत भूमि पर विशेष बाँस प्रजातियों, बम्बूसा तुलदा और बम्बूसा पॉलीमोर्फा के 5,000 पौधे लगाए।
इस पहल से शुष्क और अर्ध-शुष्क भूमि क्षेत्रों में हरे- भरे क्षेत्र बनने की उम्मीद है, जिससे भूमि क्षरण में कमी आएगी। इसके अलावा यह बाँस आधारित उद्योगों का समर्थन करके स्थानीय आदिवासी आबादी के लिए स्थायी आय का स्रोत प्रदान करेगा।
बाँस उत्पादक (Bamboo Culivator)
NCS Code: 6112.0701 |बाँस की खेती और उसके उत्पादों का उत्पादन करना। बाँसएक बहुउपयोगी वनस्पति है जिसका उपयोग निर्माण, फर्नीचर, कागज, हस्तशिल्प, और कई अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।
रुचि
क्षमता
यद्यपि किसी औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं है लेकिन कक्षा 12 वीं अवश्य करें ।
बाँस उत्पादक के लिए प्रमाणित प्रशिक्षण (प्रोग्राम, एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी AGR/Q1101 के सहयोग में)।
सरकारी संस्थान
अन्य संस्थान
ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थान
(आवेदन करने से पहले जाँच लें कि पंजीकृत संस्थान से से मान्यता प्राप्त है या नहीं।)
संस्थान की रैंकिंग
विशेष प्रशिक्षण की फीस लगभग 5 हजार से 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है ।
उपर्युक्त आँकड़े अनुमानित हैं । यह संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है।
(विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
छात्रवृत्ति
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।)
ऋण
(विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं की ब्याज दरें, पात्रता मानदंड और चुकाने की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए सभी विकल्पों की तुलना करना और अपने लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना महत्त्वपूर्ण है।)
कार्यस्थल
कार्य का माहौल
बाँस उत्पादक→फील्ड सुपरवाइजर→फार्म मैनेजर
वेतन लगभग 25 हजार से 50 हजार रुपए प्रतिमाह हो सकता है ।
(यह वेतन अनुमानित है और परिवर्तनशील है।)
फील्ड के कुछ अनुभव
राजस्थान में बाँस की खेती की एक प्रेरणादायक कहानी खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा 'सूखे में भूमि पर बांस का नखलिस्तान'(BOLD) नामक परियोजना के तहत शुरू की गई पहल है। यह परियोजना उदयपुर, राजस्थान के आदिवासी गाँव निचला मंडवा में शुरू की गई थी ।
इस परियोजना का उद्देश्य भूमि के मरुस्थलीकरण को कम करना और स्थानीय आदिवासी आबादी को स्थायी आजीविका प्रदान करना है । KVIC ने 25 बीघा (लगभग 16 एकड़) खाली बंजर ग्राम पंचायत भूमि पर विशेष बाँस प्रजातियों, बम्बूसा तुलदा और बम्बूसा पॉलीमोर्फा के 5,000 पौधे लगाए।
इस पहल से शुष्क और अर्ध-शुष्क भूमि क्षेत्रों में हरे- भरे क्षेत्र बनने की उम्मीद है, जिससे भूमि क्षरण में कमी आएगी। इसके अलावा यह बाँस आधारित उद्योगों का समर्थन करके स्थानीय आदिवासी आबादी के लिए स्थायी आय का स्रोत प्रदान करेगा।
स्त्रोत- https://theprint.in/india/kvic-plants-5000-special-bamboo-saplings-in-rajasthan-to-boost-tribals-income/689731/
उपर्युक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।